हरियाणा: धौलीदारों की जमीन वापस लेने पर कांग्रेस विधायक कुलदीप वत्स धरने पर बैठे
पचास हजार से अधिक धौलीदारों की जमीन वापस लेने पर हरियाणा विधानसभा में एक बार फिर हंगामा हुआ। कांग्रेस विधायक कुलदीप वत्स ने मंगलवार को शून्यकाल में मामला उठाया। उन्होंने सरकार से जमीनें वापस लेने का फैसला निरस्त करने की मांग की लेकिन सरकार अपने फैसले पर अडिग रही। जिस पर वत्स ने सदन में गरीब, ब्राह्मण विरोधी सरकार के नारे लगाए।
वह अपनी सीट से डिप्टी सीएम और स्पीकर की तरफ बढ़े लेकिन बीच में जाकर खड़े हो गए और अपना मांग पत्र किसी को नहीं सौंपा। सरकार के रुख से नाराज वत्स सदन से वाकआउट कर गए और फिर वापस नहीं लौटे। उन्होंने विधानसभा पुस्तकालय के पास महात्मा गांधी के प्रतिमा के नीचे बैठकर धरना शुरू कर दिया। जिसमें नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस विधायक बीबी बत्रा और इनेलो विधायक अभय चौटाला भी थोड़ी देर शामिल हुए। वत्स विधानसभा की कार्यवाही खत्म होने के बाद धरने से उठे।
नेता प्रतिपक्ष ने कुलदीप की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि धौलीदारों को आवंटित जमीनें वापस लेना गलत है। सरकार ने 2018 में जो एक्ट बनाया है, उसे अभी राष्ट्रपति से मंजूरी नहीं मिली है। इसलिए सरकार एक्ट को वापस ले, उसमें सरकार का विधानसभा में पूरा सहयोग करेंगे। जमीनें वापस लेने के आदेश निरस्त किए जाएं।
वह अपनी सीट से डिप्टी सीएम और स्पीकर की तरफ बढ़े लेकिन बीच में जाकर खड़े हो गए और अपना मांग पत्र किसी को नहीं सौंपा। सरकार के रुख से नाराज वत्स सदन से वाकआउट कर गए और फिर वापस नहीं लौटे। उन्होंने विधानसभा पुस्तकालय के पास महात्मा गांधी के प्रतिमा के नीचे बैठकर धरना शुरू कर दिया। जिसमें नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस विधायक बीबी बत्रा और इनेलो विधायक अभय चौटाला भी थोड़ी देर शामिल हुए। वत्स विधानसभा की कार्यवाही खत्म होने के बाद धरने से उठे।
नेता प्रतिपक्ष ने कुलदीप की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि धौलीदारों को आवंटित जमीनें वापस लेना गलत है। सरकार ने 2018 में जो एक्ट बनाया है, उसे अभी राष्ट्रपति से मंजूरी नहीं मिली है। इसलिए सरकार एक्ट को वापस ले, उसमें सरकार का विधानसभा में पूरा सहयोग करेंगे। जमीनें वापस लेने के आदेश निरस्त किए जाएं।
कुलदीप वत्स का कहना है कि पंचायती राज कानून 1952 में बना है, जबकि ब्राह्मण, जांगड़ा ब्राह्मण, प्रजापति, लोहार, वाल्मीकि, तेली व अन्य एससी जातियों को धौलीदार मानते हुए जमीनों का आवंटन 1862 से लेकर 1952 तक हुआ है। जब एक्ट ही नहीं बना था तो आवंटित जमीनों को पंचायती राज का कैसे माना जा सकता है। 2011 में पूर्व हुड्डा सरकार ने इन जमीनों का मालिकाना हक धौलीदारों को दे दिया था। जिसे गठबंधन सरकार ने छीन लिया है। वे जनता के बीच जाएंगे और इस मामले को लेकर हाईकोर्ट जाएंगे। चूंकि, धौलीदारों की जमीन के एक मामले में हाईकोर्ट का फैसला आया भी हुआ है।
चुनिंदा लोगों को पहुंचाया लाभ, क्या जांच करा दें: दुष्यंत
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने सदन में कहा कि 2011 में पूर्व सरकार के मालिकाना हक देने का फायदा चुनिंदा लोगों को हुआ है। पात्र तो इसमें रह ही गए। पंचायत की जमीनें किसी को दान नहीं दी जा सकती। नेता प्रतिपक्ष कहें तो इसकी जांच करा देते हैं। उन्होंने हुड्डा से हामी भराने की कोशिश की, लेकिन नेता प्रतिपक्ष ने कोई जवाब नहीं दिया।
चुनिंदा लोगों को पहुंचाया लाभ, क्या जांच करा दें: दुष्यंत
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने सदन में कहा कि 2011 में पूर्व सरकार के मालिकाना हक देने का फायदा चुनिंदा लोगों को हुआ है। पात्र तो इसमें रह ही गए। पंचायत की जमीनें किसी को दान नहीं दी जा सकती। नेता प्रतिपक्ष कहें तो इसकी जांच करा देते हैं। उन्होंने हुड्डा से हामी भराने की कोशिश की, लेकिन नेता प्रतिपक्ष ने कोई जवाब नहीं दिया।